कोया पुंगार /इरुक पुंगार ( महुआ फूल )
महुआ का पेंड हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है वह जन्म लेकर मृत्यु तक जिंदगी के हर समय इसका उपयोग होता ही है जब आदिवासी घर में बच्चे का हो या शादी हो या कोई पंडुम या जात्रा हो या का मृत्यु हो महुआ से बने दारू को अपने पूर्वजों कर धरती मान को अर्पित की जाती है। विवाह के मंडप में महुआ के डाल को चढ़ाई जाती है यदि किसी वर्ष फसल अच्छी न हो तो साल के बीज हुए टोरा को उबालकर खाते हैं इस महुआ से जब धन की कमी पड़ती है तो सूखे महुए को उचित दाम में खरीद कर इसका उपयोग किया जाता है !!
ऐसे बहुत से उपयोगिता है यही वजह है महुआ बिन्ना भीं एक एक त्यौहार का रूप ले लेता है खास कर आदिवासी लोग मार्च और अप्रैल के कड़ी धुप के महीनों में भी हर काम से ज्यादा इसी को महत्व् देते हैं। इसे बेच कर लोग अपने जीवन ढेर सारी पैसा इकट्ठा कर लेते हैं..
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